sad shayari | Hindi Poems | बेहतरीन शेर | parshu shayari



बदलते मिजाज़ बदलते लहज़े,
वक्त के साथी बातों के अपने,
लिहाज़ की कमी रिवाज़ के मारे,
हालात के साथी हालात के अपने,
डरे बिचारे सहमे-सहमे,
झूठे दिखावे, झूठे बहाने,
झूठे वादे, झूठे सपने,

Alone-sad-quotes
sad quotes

सबके साथ रहकर देख लो

खुद के लिए थोड़ा वक्त ज़रूरी लगता है



मेरी तो नाराज़गी में भी देखो

कितनी सच्चाई है

रूठ कर चला जाऊं दूर

तो कभी लौटकर ना आऊं



अपनी सोच कैदी हूं

ना समझो कि मैं आज़द हूं

ख़ुद में बिखरता ख़ुद से उलझता

ख़ुद में सिमटा ख़ुद से लिपटा

ख़ुद में ही तबाह हूं



अब किसी से मिलने जाऊँ ऐसी कोई
वजह तो नही वज़ह हो भी कोई तो
वैसी हालत नही


जिंदगी में कभी-कभी बहुत कुछ
मिल जाता है
सबकुछ खो देने के बाद



कोई किसी के पास आता है
कोई किसी से दूर जाता है
ऐसा ही होता है
कोई किसी से रूठ जाता है
कोई किसी का दिल तोड देता है
किसी का दिल टूट जाता है
ऐसा ही होता है
कोई किसी को नाराज़
कर देता है
कोई नाराज हो जाता है



झूठा हूँ मै मुझ पर भरोसा मत करना
हंसकर मर जाऊँगा एक दिन


sad-shayari

एक बार यकीन तो हमे अपने
कातिल पर भी आ जाए
ये क़स्मत कुछ ठीक नहीं लगती


यहाँ कोई किसी पर भरोसा नहीं करता
यहाँ कोई किसी की मदत नहीं करता
सब अपने आप के लिए जीते हैं
कोई किसी के लिए नही मरता 


Parshu-shayari

लोगों के शब्दों ने और समझ ने
हमें नाराज़ कर दिया
वरना गलत और बुरे हम
बिल्कुल भी नहीं थे




किसी को तकलीफ़ देना
आदत नहीं हमारी
कुछ वक्त के लिए किसी का
रूठ जाना बर्दाश्त ना हुआ



दर्द भी कोई हमारा - तुम्हारा नहीं होता
टूटा मन कोई सवाल भी हमारा नही होता
गम में मदिरा भी साथ छोड़ देती है
कोई सनम कोई यारा नहीं होता
नया पुराना और पुराना बेगाना हो जाता है
रूठा टूटा अपना सपना हो जाता है
कौन किसे चाहे यहाँ
अँधेरे में नयन का भी सहरा नहीं होता
उडते होश तनहा कोई
खयाल-ए-ज़ेहन भी हमारा नहीं होता
दिन-ब-दिन ढलती शाम
डूबती नैया का किनारा नहीं होता





तुम कुछ ऐसा करने की कोशिश मत करना
कुछ ऐसा कहने की कोशिश मत करना
जान जा सकती है मैरी तुम मुझे आज़माने की
कोशिश मत करना


मुझे रुलाकर वो खुद
भी तो रोए होंगे
हे भगवान मुझे फिर से
माफ़ कर देना


नहीं जो लोग मेरी जिंदगी में आए थे
उनका कोई कसूर नहीं था
कई बार मेरे बर्ताव भी गलत थे


किसी के दूर जाने से इंसान
जितना अंदर से टूट जाता है ना
उतना ही खुद को और
दुनिया को समझ पाता है


जब भी मै कुछ अच्छा करने जाता हूँ
मुझसे बुरा हो ही जाता है




मुझे बहुत कम लोगों ने समझा है
जब-जब मैं किसी के लिए दुश्वार बन गया
तब-तब सब ने अपनी-अपनी राय बना ली


बुलाने पर आ जाउंगा
किसी महफ़िल में
पर दोस्त कितनी देर रुकुंगा
बता नहीं सकता



कहाँ मिलोगे हमे हम आपनी मर्जी से
मिलने आते है
महफिलों में आना-जाना कम रहता है
खुशियों में अक्सर नज़र नहीं आते



हमने भी कुछ लोगों को अपना
ख़ास माना था
पर उन सबने दिमाग़ से खेला



तन्हाई अच्छी है झूठ की हँसी से ज्यादा
ना चाहकर भी किसी से बात करने से ज्यादा


सब कुछ समझता हूं
मै किसी से शिकवा नहीं करता
सब को समझता हूं
किसी को रुसवा नहीं करता




जिस इंसान का हृदय प्रेम से भरा हो
जो सबसे प्रेम करता हो
उसे ठोकर और नफरत के सिवा
कुछ भी नहीं मिलता




• कुछ लोगों को मैं इसलिए भी 
अच्छा नहीं लगा 
क्योकि मै नहीं मेरा वक्त खराब था 


कितने झूठे है हम
कोई पूछता है तो कह देते है
कि मै ठीक हूं



कभी कभी समझ में नहीं आता
हँसना है की रोना है
इस ज़िंदगी में कई किरदार निभाने पड़ते हैं


आजकल मेरे हालात ठीक नहीं लगते
लोगों के ख़यालात ठीक नहीं लगते
मै अपना मान लूं किसी को
पर ये जज़्बात ठीक नहीं लगते



अपनी चीज़ें और दिल 

किसी को दो तो खराब हो जाता है 


चाहता हूँ 

कि कुछ लोग मुझे याद ही ना करें

याद आउं तो बात करेंगे 

चाहता हूँ 

कि कुछ लोग मुझसे बात ही ना करें 

बात हो तो याद आओ


मिलते भी होंगे यहाँ किसी को हमदर्द

मेरे जख्मों पर तो सबने नमक ही छिडका है




दुखद स्थिति 

खुश नसीब है वो लोग जिन्हें 

ईमानदार लोग मिलते हैं 

वरना यहां तो पूरी दुनिया ही बेईमान है 

.....


मुझे जब भी किसी ने समझा
गलत समझा
जिसने भी समझा
अधूरा समझा



बार बार मेरे दिल को वो शब्द चुभते है
दुनिया में सबसे ज्यादा मैने जिसे माना
उसी ने मुझे बुरा कहा


मैं बार-बार जोड़ने की कोशिश करता रहा
पर दिल के टुकड़े टुकड़े हो गए थे




कुछ सच बहुत तकलीफ़ देते है
आँखों पर विश्वास नहीं होता और दिल नहीं मानता


भूल जाओ 

तो भूख नहीं,

मन में आया 

तो कुछ नहीं खाया।



अब उम्र बढ़ गई है ना हमारी
वो बचपन की बात अलग थी
तब चोट कम होती थी पर
अपनों के सामने रोना आता था


 अपनों में छुपे हुए दुश्मन से ज्यादा अच्छा

तो एक दुश्मन ही अच्छा



आपके कुछ अपने ही नहीं चाहते
आप आगे बढ़ो
कुछ अच्छा हो आपके साथ
○○○


 मुझे अपना कहने वाले बहुत है

'सिर्फ अपना कहने वाले बहुत है



भुला दो ऐसी यादें नहीं होती
यादों को मौत नहीं होती



 शराबी सैड शायरी और कोट्स 

कुछ गलत कहा हो तो 
माफ कर देना दोस्तों 🍹🧂
मै नशे में था 🙃🙏

शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है
 


कही खो जाता हूँ 

खुद में खुद को खो देता हूँ 

बुरी बात है कि मै शराब पीता हूँ 



हाँ शराबी भी हूँ,

मयखाने में पीने आया हूँ, 

बूरा ना समझो,

जख्मी हूँ, 

जख्म सीने आया हूँ,


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people लोग


दर्द को भुलाने के लिए भी लोग शराब पीते है

मै थोडी ही लेता हूँ और जख्म हरे हो जाते हैं।



आज बारिश है...

दिल की तनहाई है...

हाथो में शराब की बोतल...

और ठहरी साकी भी हैं...

बस अब ये वाली बिजली गरनी बाकी है...


शराबी शायरी 

क्या मै जीना छोड दूँ ...
शराब पीना कैसे छोड दूँ ...



पहले दवा की जाम जाम की दवा

चलो पहले जाम ही लेता हूँ दवा



खुद ही खुद को बर्दाश्त नहीं करता

कौन किसे बर्दाश्त करता है 

बोतल पें बोतल खत्म करता हूँ 

खुद में किसी और को उतारता हूँ 


थकी है जिंदगी कुछ इस कदर

थोड़ा आराम जरुरी है

थोडी दवा थोडा जहर का होना जरुरी है


sharab par quotes 


शराब का नशा उतरते ही

सिरदर्द शुरू, 

और बोतल खत्म होते ही

तनहाई।

शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है

बदलते मिजाज़ बदलते लहज़े,
वक्त के साथी बातों के अपने,
लिहाज़ की कमी रिवाज़ के मारे,
हालात के साथी हालात के अपने,
डरे बिचारे सहमे-सहमे,
झूठे दिखावे, झूठे बहाने,
झूठे वादे, झूठे सपने,


सब बदल जाते है,
कोई वक्त से बदल जाते है,
कोई बदलने वालों से बदल जाते है,


जो पूरी दुनिया से जीत जाते है....
वो अक्सर क़िस्मत से हार जाते है!


आजकल मनाने का नहीं, रूठने का दौर है,
निभाता कौन है, रिश्ता तोड़ने का दौर है,


किसी ने तो
याद किया मुझे
शायद मतलब से...


वक़्त के साथ इंसान के हालात
बदल जाते हैं लेकिन
याद रह जाता है कि कौन
किस तरह से पेश आया था


दर्द भी कोई हमारा - तुम्हारा नहीं होता
टूटा मन कोई सवाल भी हमारा नही होता
गम में मदिरा भी साथ छोड़ देती है
कोई सनम कोई यारा नहीं होता
नया पुराना और पुराना बेगाना हो जाता है
रूठा टूटा अपना सपना हो जाता है
कौन किसे चाहे यहाँ
अँधेरे में नयन का भी सहरा नहीं होता
उडते होश तनहा कोई
खयाल-ए-ज़ेहन भी हमारा नहीं होता
दिन-ब-दिन ढलती शाम
डूबती नैया का किनारा नहीं होता


कोई सलाह हो तो दो दिल बदल दूँ
कोई दवा हो तो दो मै खुद को बदल दूँ


अब तो यक़ीन पर भी यक़ीन हमारा
उठ सा गया है
यक़ीन ही नहीं होता कि कोई
सचमुच हमे अपना समझता है


शिकायतें मर जाती है इस दिल में
अपनी गलती भी कबूल करता हूँ
अपनों से प्रेम बहुत है
उनकी गलतियां भी भूल जाता हूँ


जब क़िस्मत खराब हो
तो वक्त की क्या बात है
जब वक्त खराब हो
तो इंसान की क्या औकात है


मेरा सफ़र कांटों का है, मै किसी के साथ
नहीं,
दिल में अंगार है, किसी से नाराज़ नहीं,


देखा नहीं जाता जो आज कह देता हूँ
रोज अपनों की सूरत में गैरो को देखता


हमे मालूम है दुनिया वालों की
हक़ीक़त
इसलिए खुद ही खुद को अपना
सलाहगार बना दिया


कभी वादा निभाने चले जाओ
कभी उम्मीद जगाने चले जाओ
भूखों की भीड़ है महंगे शहर में
कभी हिम्मत देने चले आओ
नफ़रत सस्ती है दिल के बाजार में
कभी मोहब्बत देने चले जाओ
कुछ ला ना सको तो क्या
कभी खाली हाथ मिलने चले आओ
शोर में सुनाई नहीं देती आवाज़
कभी बात करने चले आओ


अपनों की सूरत उतरते देखा है
बहुत गहरे थे रिश्ते
पल भर में बदलते देखा है
पहले हां में हां मिलाने वाले
फिर बातों से मुकरते देखा है
उम्र कुछ कम थी कुछ ज्यादा भी थी
देखा तो बस देखा सिर्फ़
क़द ही ऊँचा देखा है


तेवर तो हममें भी है
पर दिल दुखाने वाली बात
किया नहीं करते


जिसने माफ़ी ना मांगी हमने तो
उनको भी माफ़ कर दिया
कोई घोर गलती तो नहीं थी
और माफ करने वालों ने हमे
बेझिझक माफ़ कर दिया


पता नही क्या टूटा है
सपने टूटे है की
दिल टूटा है
किसी से हम रूठे है
कि हमसे कोई रूठा है


भर जाता है पेट भी कभी-कभी
दिल टूट के तार तार हो जाने से


दिन कुछ उखड़ा-उखड़ा सा लगता है
कोई बात अच्छी नहीं लगती
रोशनी से दिक्कत है
कोई आवाज़ अच्छी नहीं लगती
नमक छिड़का है हर किसी ने
कोई सूरत अच्छी नहीं लगती
दिल ने दिल्लगी की वक्त ने मज़ाक
जिदंगी अच्छी नहीं लगती
किसी से जुदा होने का गम
मौत अच्छी नहीं लगती
यूं ही लगी है आग धुआं उठा है
छिपी है सूरज की किरणे
और ये बरसात अच्छी नहीं लगती


रिश्तों के साथ बिताए हुए पल
दोबारा लौटकर नहीं आते
अपनों का साथ कम होता है और
यादें लंबी


बदला नहीं में,
बस नाराज हूँ
अपनों से


ये आजकल की रिश्तेदारी है
यहां सौदेबाजी होती है
आप इतना निभाओ
तो हम इतना निभाते है


ऐसा ही हूं, सबके साथ भी हूं,
अकेला भी हूं,


ये कलयुग है यहां आप
जिसको जितना अपना मानोगे
उतना ही वो आपको
गैर होने का अहसास दिलाता रहेगा


कुछ भुला दिया जाएगा
कुछ छीन लिया जाएगा
इंसान भी मिट्टी का
एक दीन मिट्टी में मिल जाएगा


सब कुछ भुला देती है, माना कि
रुला देती है, मौत को भी बुरा कैसे कहूँ,
चैन की नींद सुला देती है!


निकला था खुद की
आँख पोंछने
तो खुद ही ख़्वाह-मख़ाह
गुनहगार निकला
यहाँ वहाँ देखा तो हर कोई
ज़ख्मी निकला


दिल ने बहुत चाहा
कि आज किसी से बात करूं
पर कोई ऐसा था ही नहीं
जिससे बात करता


हां तो हा, नहीं तो नही, मै नही
तो तुम ही सही,
जी हां बिलकुल ठीक,
चलता हूं,
बात करने का मन नहीं,


रात में सुबह के इंतज़ार ने सताया
दिन में रात के इंतज़ार ने सताया
खुशी के इंतजार में रहते है सब
किसी को दर्द के इंतज़ार ने सताया
कल क्या होने वाला है पता था
इस कल को उस कल के इंतज़ार ने सताया


वो सुनहरे दिन गए जब पड़ोसी भी
अपनों की तरह रहा करते थे
आज अपने भी गैरों की तरह पेश आते है


हम तो अपनी आदतों के बर्बाद है
अब पीछा आप ही हमारा छोड़ दो


दिल से लगा कर चला जाऊंगा
दिल में बसा कर चला जाऊंगा
तुम जीत जाओ
मै हारकर चला जाऊंगा


कोई कहता है कि मैं सबसे दूर चला जाता हूँ
सच है क्योंकि सब मुझसे दूर चले जाते है


हम दूर से ही खामोश भले
लोग मिलते भी है तो
जबान से ज़हर उगलते है


ना तो खुशी कोई
ना है कोई गम अब
थोडा सा बचा है प्यार
वो खुद के लिए अब


कुछ अच्छा हो न हो जिंदगी में
पर कोई न कोई मेरा दिल तोड़ने जरुर आता है


आजकल दिल नहीं टूटता
ख्वाहिशों के टूटने से
पिछली बार बहुत तड़पा था
लगता है मर गया
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