अपनों के घर भी जाओतो मेहमान बनकर जाओअपनों को अपनों का आनाअच्छा नहीं लगतामेहमान के घर भी जाओतो बुलाने पर जाओबिन बुलाया मेहमानमेहमान को अच्छा नहीं लगता
हमे दिखावे के रिश्ते पसंद नहींहम रिश्ते दिल से निभाते हैमिलो तो हाल भी मत पूछना हमाराअगर दिल रखने के लिए बात करते हो
पीठ पीछे हंसने वाले पीठ पीछेबुराई करने वाले बहुत मिलते हैअपना तो वो होता हैजो आप को अपमानित होते हुएनहीं देख सकता
बदला नहीं मैबस नाराज़ हूं अपनों से
शिकायतें मर जाती है इस दिल मेंअपनी गलती भी कबूल करता हूँअपनों से प्रेम बहुत हैउनकी गलतियां भी भूल जाता हूँ
जो जायज़ ना हो वो रिश्ता भी तोड़ दोजहाँ सम्मान ना मिले वो जगह ही छोड़ दो
झूठ मूठ का रिश्ताहल्का फुल्का साथबस मीठी-मीठी बातेंऔर पतला प्यार***










